यात्रा की तैयारियां
जय माता दी। माता वैष्णो देवी यात्रा।
चलो बुलावा आया है...
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पवित्र प्राचीन गुफा। सोर्स: www.maavaishnodevi.org |
वो कहते हैं ना की जबतक माता का बुलावा नहीं आता तब तक आप लाख कोशिश कर ले, दर्शन होना मुमकिन नहीं। और जब बुलाती हैं हर बाधा खत्म हो जाती हैं। इक्छा तो हमेशा से थी लेकिन ये नहीं था मार्च 2018 में दर्शन करने का मौका मिल जायेगा।
थोड़ा अपने बारे में बता दूँ, मैं देवघर झारखण्ड से हूँ और पिछले कुछ सालो से दिल्ली में रह रहा हूँ। मेरी माता जी देवघर में रहती है। फरवरी महीने में माँ का फ़ोन आया की पहले अजमेर और पुष्कर जाना है फिर माता वैष्णो देवी के दर्शन भी करने हैं। अजमेर जाने का मुझे कोई शौक नहीं था लेकिन माँ ने पता नहीं कौन सी मन्नत मांगी हुई थी, और माँ की इक्छा का सम्मान तो करना ही था। वैष्णो देवी वाली यात्रा में सिर्फ मैं और मेरी माँ ही जा रहे थे। मैंने अपने परम मित्र से भी पूछा लेकिन ऑफिस के काम में व्यस्त होने के कारण उसे छुट्टी मिलना संभव नहीं था।
जब भी आप कटरा के लिए टिकट देखेंगे तो आपको हमेश वेटिंग लिस्ट ही दिखाई देगी या फिर RAC और गलती से किस्मत अच्छी रही तो कन्फर्म सीट मिल जाएगी। अगर पहले से ही कन्फर्म सीट चाहिए तो 3-4 महीने ही बुकिंग करा ले। IRCTC की वेबसाइट पे सारे हथकंडे आजमाए तब जा के होली के बाद वाले दिन में अजमेर का कन्फर्म टिकट बुक हुआ और फिर गुरुवार को 8 मार्च को कटरा का कन्फर्म सीट मिल गया। ये ट्रैन थी जम्मू मेल जो रात में पुरानी दिल्ली से खुलती हैं और दोपहर में कटरा पहुँचा देती है। वापसी की टिकट मैंने रविवार शाम की राजधानी एक्सप्रेस में करवाई क्यूंकि सोमवार को ऑफिस जाना था और ये ट्रैन हमेशा समय से पहुँचा देती हैं। वैसे आपको एक बात और दूँ की दिल्ली कटरा रूट पे लगभग सभी ट्रैन समय से ही चलती हैं। चुकी मार्च महीने में कटरा में ठण्ड रहती हैं तो 3rd AC में टिकट किया और मेरी माँ अब सीनियर सिटीजन में आती है तो भारतीय रेल की तरफ से अलग से छूट भी मिल जाती हैं। AC डिब्बे में आपको अलग से गरम कड़पे या चादर ले जाने की जरुरत नहीं पड़ती और हम एक्स्ट्रा सामान से पहले ही छुटकारा चाह रहे थे।
हमारा कार्यक्रम
8 मार्च : दिल्ली से कटरा (जम्मू मेल)
9 मार्च : दोपहर में कटरा, शाम में चढ़ाई शुरू करना
10 मार्च : भवन/ भैरो बाबा मंदिर
11 मार्च : दोपहर में कटरा से जम्मूतवी आना, शाम में जम्मूतवी से दिल्ली (राजधानी एक्सप्रेस)
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भवन। सोर्स: www.maavaishnodevi.org |
इस यात्रा से पहले, कटरा के बारे में मेरे पास उतना ही ज्ञान था जितना किसी भी आम इंसान को होता है। मतलब वही की चढाई करनी पड़ती हैं, लोग पैदल, घोड़े, पालकी से जाते है। भवन में माता के दर्शन के बाद भैरो मंदिर का दर्शन करना अनिवार्य है और अर्द्धकुवारी माता गुफा है जहाँ दर्शन करने का सौभाग्य बहुत कम लोगो को ही मिल पता है। लेकिन अब तो मुझे खुद जाना था और मेरी माँ भी पहली बार ही जा रही थी तो पूरी जानकारी चाहिए थी। अपने मित्र माडली में मैंने हर किसी से पूछा और जो लोग जा चुके हैं उनसे परामर्श भी लिया। दिल की तसल्ली के लिए जितने ब्लॉग मिले सभी पढ़ डाले। जानकारी तो बहुत मिली लेकिन अपने आप को संतुस्ट कर पाना मुमकिन नहीं था। इसलिए, जहाँ से भी, जैसे भी जानकारी होती मैं उसे जानने की कोशिश करता। इंटरनेट पे देखते देखते माँ वैष्णो देवी ट्रस्ट की ऑफिसियल वेबसाइट मिली www.maavaishnodevi.org जो सबसे काम की वेबसाइट है।
थोड़ी जानकारी वेबसाइट के बारे में क्यूंकि ये ही एक आधिकारिक साइट हैं, बाकि किसी अन्य साइट से बुकिंग वैद्य नहीं हैं।
इस वेबसाइट से आप ऑनलाइन यात्रा पर्ची बनवा सकते हैं। जम्मू, कटरा, अर्धकुमारी और भवन के पास की होटल या डारमेट्री बुक कर सकते है। सुबह और संध्या की होने वाली आरती की बुकिंग भी कर सकते हैं। कटरा से सांझीछत की हेलीकाप्टर सेवा भी इसी वेबसाइट से बुक होती है। अब तो आप बैटरी कार सेवा भी इस वेबसाइट के जरिये बुक करते सकते है। साथ ही आप अपने लिए पूजा करवाना चाहते हैं तो उसकी बुकिंग भी इसी साइट से करवा सकते हैं। बुकिंग करने के लिए आपको अपना अकाउंट बनाना पड़ता हैं जिसमे आपकी जरुरी जानकारी जैसे ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, नाम, पता भरना जरुरी होता हैं।
इस साइट पे बुकिंग करने की संख्या की सिमा भी हैं। एक महीने में अधिकतम 5 हेलीकाप्टर सीट, 1 कमरा या 5 डारमेट्री, 5 आरती और एक ससवप पूजन (5100 रूपए) एक आईडी के द्वारा बुक किया जा सकता हैं वो भी एक क्रेडिट/डेबिट कार्ड द्वारा। अगर आप धोखे या गलती से किसी एक कार्ड से सिमा से ज्यादा भुगतान करते हैं है तो आपकी बुकिंग कैंसिल भी हो सकती हैं।
बैटरी कार बुकिंग सेवा : एक बार आप 3 लोगो के लिए टिकट बुक कर सकते हैं जिनकी उम्र 50 या उससे ज्यादा हैं। एक टिकट पे 2 बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से कम है उनको आप अपनी गोद में ले जा सकते हैं। प्रति व्यक्ति किराया 300 रूपए हैं और अगर आप इसे कैंसिल करना चाहते हैं तो सिर्फ ऑनलाइन ही कर सकते हैं लेकिन पूरा पैसा वापस नहीं मिलेगा (70 प्रतिशत ही वापस मिलेगा और बाकि 30 प्रतिशत प्रोसेसिंग फी के तौर पे काट लिया जायेगा)। बुक करने के लिए नाम, जेंडर, उम्र, आईडी कार्ड का नंबर और मोबाइल नंबर जरुरी हैं। जिस कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं उस कार्ड को साथ ले जाना अनिवार्य हैं।
वापसी अपनी यात्रा पे
अब जैसे जैसे यात्रा के दिन नज़दीक आ रहे थे तो मेरे दिमाग में यात्रा कार्यक्रम बनने लगा था। कटरा से भवन करीब 13.5 किलोमीटर की दुरी हैं जिसे आप पैदल पूरी करते हैं जिसमे 3 से 7 घण्टे या उससे भी ज्यादा लग सकते हैं। ये आपकी क्षमता के ऊपर निर्भर करता हैं। कटरा की उचाई करीब 2500 फ़ीट हैं, अर्धकुमारी की 4800 फ़ीट और भवन की 5200 फ़ीट हैं मतलब ये की आपको अर्धकुमारी तक ज्यादा मेहनत करने की जरुरत हैं और उसके बाद चढ़ाई थोड़ी आसान होती हैं। सुबह शाम में आरती करीब 2 घंटे की होती हैं और उस समय सामान्य दर्शन बंद होते हैं इसलिए हम आरती के समय से पहले पहुँचना चाहते थे ताकि भवन के पास हमे इंतज़ार नहीं करना पड़े।
सबसे पहली तयारी: मैंने अपनी माँ से पूछा था की कैसे यात्रा करोगी तो माँ का उत्तर था पैदल, इसलिए मैंने और माँ दोनों ने करीब 20-25 दिन पहले से 7-8 किलोमीटर रोज पैदल चलने लगे थे ताकि हमे ज्यादा परेशानी ना हो।
अब इतना तो था की हम 13 किलोमीटर की चढ़ाई 7-8 घंटे में आराम से पूरी कर लेंगे। फिर मैंने 10 मार्च की सुबह की आरती (अटका दर्शन) के दो टिकट बुक कर ली जिसका शुल्क 1000 रूपए प्रति व्यक्ति हैं। हम 9 को दोपहर में पहुँच के शाम से चढ़ाई शुरू करने वाले थे तो 10 की सुबह वाली आरती में पहुँच सकते थे। चुकी हमे वहाँ 2 रात बितानी थी, मतलब कही ना कही रुकना ही था। अब मैं होटल या डारमेट्री देखने लगा उनकी ऑफिसियल वेबसाइट पे ही। मुझे अर्धकुमारी में होटल तो नहीं मिला लेकिन डारमेट्री मिला तो मैंने 2 डारमेट्री बुक कर लिए। श्राइन बोर्ड होटल/डारमेट्री सुबह 10 बजे से अगले दिन 10 तक मान्य होता हैं। 1 डारमेट्री का किराया 100 से 200 तक है। हमारी वापसी की ट्रैन जम्मू से शाम 7 बजे थी इसलिए मैंने जम्मू में भी 2 डारमेट्री बुक कर लिए। सोचा अगर इंतज़ार ही करना पड़ा तो आराम से बेड पे लेट के करेंगे।
अब हमारा कार्यक्रम बहुत हद तक तैयार हो चूका था।
08 मार्च को दिल्ली से कटरा
09 मार्च को दोपहर में कटरा पहुँचना और शाम से चढ़ाई शुरुवात करना
10 मार्च को सुबह आरती, उसके बाद भैरो मंदिर और अर्द्धकुवारी में रुकना
11 मार्च को समयानुसार कटरा से जम्मू (जम्मू में रुकने की वयवस्था) और शाम में जम्मू से दिल्ली की ट्रैन
एक दिक्कत अभी भी बानी हुई थी क्यूंकि हम दोपहर में कटरा पहुँचने वाले थे और चढ़ाई शाम से शुरू करने वाले थे, इसका मतलब हमे कोई होटल ढूँढना था जिसमे हम आराम से 5 से 6 घंटे बिताने थे। एक मित्र ने सलाह दी की वही जा के होटल देख लेना। चुकी हमे 24 घंटे होटल में रुकना तो नहीं था इसलिए पहले से कोई होटल बुक करना मुझे भी सही नहीं लग रहा था। मैंने कुछ दिन पहले ही OYO रूम का ऐप्प डाउनलोड किया था और बस देखने के लिए उसमे कटरा के होटल के ऑप्शन देखे थे। किराया 1000 से 2000 रूपए के बिच में आ रहा था इसलिए उससे बुक नहीं किया। कुछ दिन बाद उस ऐप्प पे एक ऑफर दिखा जिसमे मुझे कटरा स्टेशन के सामने एक होटल मिला और बुक करने के लिए मात्र 499 का भुगतान करना था। मैंने अपनी माँ से पूछा और एक दिन के लिए 499 में बुक कर लिया। अगर कही और भी रुकते तो 300-400 तो लगने ही थे, OYO का नाम काफी सुना था की कमरे साफ़ सुथरे रहते हैं, सर्विस अच्छी रहती है इसलिए एक दिन की बुकिंग कर ली। अब हमारा सारा कार्यक्रम तय हो गया था।
यात्रा पर्ची : वैष्णो देवी यात्रा के लिए सबसे जरुरी होती यात्रा पर्ची। इसे आप ऑनलाइन इनकी ऑफिसियल वेबसाइट से भी बुक कर सकते हैं जो पुरे दिन के लिए मान्य होता है या फिर काउंटर से करवा सकते हैं जो अगले 6 घंटो के लिए मान्य होता हैं। अगर आप उन 6 घण्टे में बाणगंगा चेक पोस्ट पार नहीं करते तो आपको दुबारा पर्ची बनवानी पड़ेगी। ये पर्ची एक तरीके से आपके लिए इन्शुरन्स का भी काम करती हैं और श्राइन बोर्ड को यात्रिओ की संख्या का आकलन करने में भी सुविधा होती हैं। जब तक आप बाणगंगा चेक पोस्ट से दुबारा बाहर नहीं आ जाते तब तक आपको ये पर्ची संभाल के रखनी होती हैं। यात्रा पर्ची बनवाने के लिए, एक काउंटर कटरा रेलवे स्टेशन पे ही हैं और दूसरा कटरा बस स्टैंड के पास हैं।
चुकी मैं पहले ही सरे चिंताओं से दूर रहना चाहता था इसलिए मैंने ऑनलाइन पर्ची बनाने की कोशिश भी करि लेकिन उनके फॉर्म में यात्री के नाम के साथ पिताजी का नाम भी डालना अनिवार्य हैं और उसकी एक आईडी भी चाहिए होती हैं। मेरे आईडी में तो पिताजी का नाम हैं लेकिन माताजी की आईडी में पिताजी के नाम के बदले पति का नाम है जो की साधारण सी बात हैं। लेकिन उनके फॉर्म में पिताजी का नाम डालना था साथ ही आईडी भी चाहिए थी। कुछ लोगो से सलाह भी लिया की आप पिताजी के नाम के जगह पति का नाम ही लिख दे, कोई परेशानी नहीं होती लेकिन अपने मन को समझा नहीं पाया इसलिए वही जा के काउंटर से पर्ची बनवाने की सोची। हमारा होटल भी स्टेशन के समीप ही मिल गया था इसलिए स्टेशन वाले काउंटर से यात्रा पर्ची बनवाना सही उपाय लगा मुझे।
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रूट मैप । सोर्स: www.maavaishnodevi.org |
जब ऑफिस में बताया की माँ को लेके माता के दर्शन करने जाना हैं तो ऑफिस से आराम से छुट्टी मिल गयी और ऑफिस वालो ने कुछ पैसे भी दिए वहां दान करने के लिए। ये तो आश्चर्य ही था की माता के दर्शन के लिए सभी काम बनते ही चले गए। अजमेर पुष्कर से वापस आने के बाद हमने कुछ गर्म कपड़ो की खरीदारी भी करि और थोड़े बहुत जरुरी दवाई (सर दर्द, उलटी, पेन किलर, मूव क्रीम, पेट ख़राब और बुखार) की भी। अब मुझे यात्रा वाले दिन का इंतज़ार था।
खबर: भवन से भैरो बाबा मंदिर तक रोपवे की भी शुरुवात हो गयी है जिसका एक तरफ का किराया 100 रूपए हैं। ये सुविधा भी दिन में ही मिलेगी। जहाँ भवन की उचाई 5200 फ़ीट है वहीँ भैरो बाबा मंदिर की उचाई 6619 फ़ीट हैं और दुरी 3.5 किलोमीटर है। रोपवे की मदद से ये दुरी मात्र 3 मिनट में पूरी हो जाएगी।
इस पोस्ट में इतना ही, अगले भाग में माता के दर्शन को निकलेंगे।
वैष्णो देवी यात्रा के लिए कुछ जरुरी बातें :
- माँ वैष्णो देवी यात्रा की शुरुवात करने से यात्रा पर्ची जरूर बनवा ले। ये यात्रा पर्ची निशुल्क हैं और आप इसे कटरा रेलवे स्टेशन काउंटर से या फिर कटरा बस स्टैंड स्तिथ काउंटर से बनवा सकते है। आप इसे ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं।
- अगर आपने यात्रा पर्ची काउंटर से बनवायी हैं तो आपको 6 घंटे के भीतर बाणगंगा चेक पोस्ट पार करना पड़ेगा अन्यथा आपको फिर से यात्रा पर्ची बनवानी पड़ेगी। ऑनलाइन यात्रा पर्ची पुरे दिन के मान्य होती हैं।
- यात्रा पर्ची के लिए सभी व्यक्ति को लाइन में लगना होता है, पहले ग्रुप का हिसाब हुआ करता था लेकिन अब सभी को लाइन में लग में लग पर्ची बनवानी होती है।
- बाणगंगा चेकपोस्ट 24 घंटे खुला रहता हैं और यात्रा दिन रात चलती रहती हैं।
- वैष्णो देवी मंदिर और पूरा रास्ता श्राइन बोर्ड द्वारा देखभाल की जाती हैं। श्राइन बोर्ड आपको रुकने और खाने की उत्तम वय्वस्ता प्रदान करती हैं।
- यदि आप जम्मू, कटरा, अर्धकुमारी, भवन और सांझी छत पे कमरा या डारमेट्री बुक करना चाहते है तो कटरा बस स्टैंड के पास बने निहारिका भवन से बुक करवा सकते हैं। ऑनलाइन भी बुक कर सकते है।
- अगर आप कमरा या डारमेट्री, आरती या पूजन ऑनलाइन बुक करते हैं तो उसकी रशीद के साथ, आईडी कार्ड और जिस डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया था उसे साथ ले जाना अनिवार्य हैं अथवा आपकी बुकिंग रद्द की जा सकती हैं।
- रात में ठण्ड से बचने के लिए फ्री कम्बल की सुविधा भी हैं लेकिन आपको कम्बल लेने के लिए 500 रूपए सिक्योरिटी के तौर पे देंगे पड़ेंगे जो आपको कम्बल वापसी करने के बाद वापस मिल जायेंगे।
- पिट्ठू ,खच्चर या पालकी करने से पहले उनसे रेट तय कर ले ।उनका पहचान पत्र देखकर उनका पंजीकृत नंबर नोट कर लें।
- कटरा और रास्ते में प्रशाद की बहुत सारी दुकाने हैं लेकिन कोशिश करिये की श्राइन बोर्ड द्वारा दुकानों से ही प्रसाद ले क्यूंकि इनके दाम में बहुत फर्क पड़ जाता हैं। हो सके तो प्रशाद भवन के पास ही ले जिससे आप अतिरिक्त वजन से बच जायेंगे
- यात्रा में कुछ भी नशीला पदार्थ की मनाही हैं तो कृपया ऐसा कुछ भी सामान ना ले जाये
- कटरा में दूसरे राज्य के प्रीपेड सिम काम नहीं करते। पोस्टपेड सिम में कोई दिक्कत नहीं है। कटरा में लगभग आपको हर दूकान पे टूरिस्ट सिम मिल जायेंगे।
- यात्रा के दौरान खाने पिने की चिंता ना करे क्यूंकि आपको हर जगह खाने पिने की दूकान मिल जाएगी वो भी बिना प्याज़ और लहसुन वाला।
- अर्द्धकुवारी से करीब आधा किलोमीटर पहले नए रास्ते पे बैटरी कार की सुविधा भी हैं जिसे बच्चे और 50 साल से ऊपर के लोग जा सकते हैं। इसका टिकट आप ऑनलाइन या फिर वही अर्धकुंवारी में बनवा सकते हैं। ये सुविधा दिन में ही उपलब्ध हैं।
- रात्रि विश्राम के लिए होटल/डारमेट्री बुकिंग छोड़ के अन्य हॉल भी बने हुए हैं जिसमे आप निशुल्क आराम कर सकते हैं।
- कटरा से भवन तक ले लिए अब तीन रास्ते हैं, आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई सा भी रास्ता चुन सकते हैं।
- सामान रखने के लिए निशुल्क लॉकर सुविधा भी हैं।
- भवन और अर्द्धकुवारी में दर्शन की लाइन में लगने से पहले आप अपना सारा सामान लॉकर रूम में रख दे। भवन में सिर्फ प्रसाद, पैसे और कागज़ जैसी चीज़े ही जा सकती हैं।
- भवन का पास सालो भर ठण्ड भरा मौसम रहता हैं, इसलिए कुछ गर्म कपडे जरूर साथ रखे। सर्दियों में बर्फ़बारी भी होती है।
- अगर आप परिवार के साथ पहली बार जा रहे हैं तो कोशिश करिये साथ चलने की।
- यात्रा के लिए आपको बहुत सारे मित्र और परिवार वाले कुछ पैसे देते है दान करने के लिए। आप श्राइन बोर्ड द्वारा किसी भी दान पात्र में दाल सकते हैं या फिर इनके डोनेशन काउंटर (दान कक्ष) पे भी दे सकते हैं। डोनेशन काउंटर पे देने से आपको दान की रशीद भी मिल जाती हैं साथ ही कुछ प्रशाद भी प्राप्त होता हैं। दान कक्ष आपको भवन, सांझीछत, अर्द्धकुवारी और निहारिका भवन कटरा में मिल जाएगी और दान पात्र आपको पुरे रास्ते में।
- भवन और अर्द्धकुवारी में सुबह और शाम माता की आरती होती हैं और इस समय सामन्य दर्शन बंद रहते हैं।
- यात्रिओ की सुविधा के लिए जगह जगह में सुलभ शौचालय और नहाने के लिए बाण गंगा और भवन के पास सुविधा भी है।
- यात्री अगर पैदल चल रहे हैं तो अपनी क्षमता अनुसार चले, किसी से होड़ लगाने की जरुरत नहीं है।
- यात्रिओ के लिए चरण पादुका, अर्द्धकुवारी, सांझी छत, हिमकोटी और भवन के पास मेडिकल सेवा भी उपलब्ध हैं।
- भवन बहुत ही पवित्र जगह है, कृपया इसकी मर्यादा बना रखे और इसे साफ़ सुथरा रखने में सहयोग करे।
शानदार वर्णन। आगे के पार्ट लिखिये।
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